Taliban in Afghanistan: कहां हुआ तालिबान का उदय, कैसे एक संगठन ने पूरे देश की सत्ता पर कर डाला कब्जा

Taliban in Afghanistan: अफगानिस्तान में हालात ये हैं कि राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने टीम के साथ देश के छोड़ के भाग चुके हैं, कल तक इस बात की पुष्टि न नहीं हुई थी लेकिन आज प्रशासन को लेकर अपने वतन को छोड़ चुके लीडर का बयान आया है कि देश के मासूम लोगों का खून बहने की डर से देश छोड़ा.
अफगानिस्तान (Afghanistan) की तस्वीरें बेहद चिंताजनक हैं, एक ऐसा संगठन जो हिंसा के बल पर देश पर कई सालों से अत्याचार कर रहा है, वो अब इस देश की सत्ता तक पहुंच चुका है. देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि किसी भी कीमत पर तालिबानियों को सत्ता नहीं सौंपेंगे लेकिन तालिबानियों ने दहशत का माहौल फैलाया तो उनके साथ कई नागरिक देश छोड़ने को मजबूर हैं.
अमेरिका व भारत जैसे मुल्क अपने नागरिकों का रेस्क्यू कर रहे हैं, उन्हें फ्लाइट से अपने मुल्क पहुंचाया जा रहा है. अफगानिस्तान के लोग ही नहीं पूरी दुनिया इस वक्त डरी सी है, कौन हैं ये तालिबानी (Talibani) जिनके दहशत ने दुनिया को हिला दिया है और कोई भी देश अफगानिस्तान की मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है जबकि तालिबान ने लगभग तय कर दिया है कि वे अब अफगानिस्तान में हुकूमत करेंगे, राजधानी काबुल के हर जगह पर तालिबानी फौज कब्जा कर रही है.
देश छोड़कर क्या बोले अशरफ गनी (Ashraf Ghani after leaving Afghanistan)
तालिबानियों के सामने हार मान चुके अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने सोशल मीडिया के माध्यम से पुष्टि की वह अपने प्यारे मुल्क अफगानिस्तान को छोड़ चुके हैं, लिखते हैं ‘मेरे सामने कठिन विकल्प था कि मुझे हिंसक तालिबान जो महल के अंदर घुसना चाहता है, का सामना करना है या प्यारा मुल्क अफगानिस्तान छोड़ना है, 2 दशक से देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया लेकिन आज खून की नदिया बहने से बचने के लिए देश छोड़ने का फैसला किया, तालिबान ने हथियारों के दम पर जीत हांसिल की है, अब मुल्क के आवाम की सम्मान व रक्षा के ज़िम्मेदार वे होंगे’.
कौन है तालिबान?
तालिबान या तालेबान संगठन, सुन्नी इस्लामिक आधारवादी आंदोलन है, ये दावा करते हैं कि वे इस्लाम की विचारधारा पर चलते हैं लेकिन इस संगठन के आतंक से आज अफगानिस्तान कांप रहा है. तथ्य कहते हैं कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में 90 के दशक में इस संगठन ने जन्म लिया, वक्त था जब सोवियत सेना अफगानिस्तान से वापस जा रही थी. पश्तून आंदोलन के सहारे यह संगठन अफगानिस्तान में मजबूत होता गया, मॉडर्न युग की तरफ बढ़ते अफगानिस्तान को तालिबान ने धार्मिक और रूढ़िवादी की ओर धकेल दिया, आज की तरह 1996 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर दिया था.
2001 में युद्ध के बाद तालिबान का सफाया होता दिखा लेकिन कुछ ही सालों बाद इस संघठन की सक्रीय होने की खबर मिली, जो आज अपनी एक विशाल फौज खड़ी कर चुका है. पिछले कई महीनों से तालिबानियों का अफगानिस्तान में जुर्म की का कहर चल रहा है, भारत व अन्य देशों में रह रहे अफगानिस्तानियों का कहना है वे नहीं चाहते कि तालिबान के हाथों में देश की सत्ता जाए, वे तलवार व बंदूकों के बल पर कुछ भी करते हैं, महिलाओं के दुष्कर्म जैसे संगीन गुनाह इसमें शामिल हैं.
कंधार, जलालाबाद, हेरात जैसे कई इलाकों में वे 3 महीने में कब्जा कर चुके हैं, 15 अगस्त 2021 को तो वे अफगानिस्तान की राजधानी में आ धमके और चारों से घेर कर बयान जारी किया कि वे किसी भी तरह नुकसान नहीं करना चाहते हैं, राष्ट्रपति अशरफ गनी से वे सत्ता हस्तांतरण कर दें.
मशीनगन, रॉकेट लांचर जैसे हथियारों से लदे तालिबान के लड़ाके जिस तरह से कब्जा कर रहे थे देश में जंग के हालात पैदा हो गए लेकिन उनके आगे सरकार ने हार मान ली जिसके बाद शहरों के पुलिस चौकियों व कानून व्यवस्था को भी अब वे संभाल रहे हैं. तालिबान देशवासियों को भरोसा दिला रहा है कि किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा लेकिन लोग फिर भी डरे हैं, शहर के बाद अब देश छोड़ने वालों की तादात भी बढ़ रही है.
बताया जा रहा है लोग ताजिकिस्तान, ईरान जैसे पड़ोसी मुल्कों के लिए धक्का मुक्की कर रहे हैं, रिपोर्ट की मानें तो अशरफ गनी भी अपनी टीम के साथ ताजिकिस्तान पहुंचे हैं. आपको बता दें 20 साल पहले अफगानिस्तान में तालिबान का ही राज था, उनके बर्बर व मनमाना शासन याद कर लोगों की रूह कांप रही है, यही वजह है कि भारी संख्या में लोग इधर उधर हो रहे हैं.
ट्विटर पर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) से बेहद चिंताजनक तस्वीरें व वीडियोज सामने आ रही हैं, तालिबानी ताकत व बर्बरता के डर से लोग देश छोड़ने को आतुर हैं:
The Presidential Palace, including its gymnasium, in #Kabul has new tenants. #Afghanistanpic.twitter.com/vl50ojoRQD
— Steve Hanke (@steve_hanke) August 17, 2021
Airport in #Kabul… Listen .. #kabulairport #Afghanistan pic.twitter.com/0hsDWNqOFS
— Natalie Amiri (@NatalieAmiri) August 16, 2021
Desperate situation unfolding at #Kabul airport this morning. pic.twitter.com/JlAWtTHPBy
— Ahmer Khan (@ahmermkhan) August 16, 2021
