Viral Story of Doctor Pritam Singh Meena: दोनों पावों से निशक्त डॉक्टर प्रीतम सिंह मीणा कैसे बने प्रेरणास्रोत, ये संघर्ष की कहानी आपकी जिंदगी बदलने का दम रखती है. जी हां आए दिन लोग अपनी परेशानियों से निजात पाने के लिए मौत को बेहतर विकल्प चुनते हैं लेकिन यह कहानी किसी की भी आंखें खोल सकती है.
हम बात कर रहे राजकीय महाविद्यालय करौली (Karauli) के प्राचार्य प्रीतम सिंह मीणा (Pritam Singh Meena) की जो जन्म से दोनों पांव से दिव्यांग हैं लेकिन उन्होंने जिंदगी के हर मोड़ पर साबित किया है कि आदमी मन से अपाहिज होता है तन से नहीं, वह इस बात को विडियो में दोहराते हुए भी नजर आ रहे हैं कि कोई भी ऐसा काम बना नहीं है जो इंसान नहीं कर पाए.
इस विडियो को देखकर आपको इतनी सकारात्मकता मिलेगी जो जिंदगी के प्रति आपका नजरिया बदल सकती है. फेसबुक पर जयपुर पत्रिका पेज से वायरल यह विडियो एक संघर्ष की कहानी है, कैसे एक दिव्यांग पुरुष कड़ी मेहनत कर कॉलेज टॉप ही नहीं करता बल्कि गाड़ी चलाना, क्रिकेट खेलना जैसे कामों को भी सामान्य इंसान की तरह सहजता से कर लेते हैं, जिस कॉलेज से वह पढ़े हैं आज उसी कॉलेज में रसायन शास्त्र (Chemistry) पढ़ा रहे हैं.
उनका कहना है समाज में उनकी विकलांगता का बहुत मजाक भी उड़ाया गया लेकिन उन्होंने कभी इसे कमजोरी नहीं समझा, यहां तक कि उन्होंने लोगों के कमेंट्स को कमजोरी नहीं ताकत रूप में इस्तेमाल किया और हर दिन बेहतर व मजबूत होते चले गए, IIT मुंबई से पढ़े प्रीतम शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे भी हैं.
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विडियो में आप देख सकते हैं किस तरह वह अपनी फोर व्हीलर आसानी से चला ले रहे हैं, साथ ही अपनी जीवन की बेहद प्रेरणादायक कहानी बता रहे हैं.