Balwan Singh replied Khushbu Chauhan: सीआरपीएफ (CRPF) की खुशबू चौहान को मिला जवाब, असम रायफल्स के जवान ने कहा मारने में नहीं बचाने में है बहादुरी.
आतंक के खिलाफ बुलंद आवाज में भाषण देने वाली सीआरपीएफ की जवान खुशबू चौहान (Khushbu Chauhan) के तेवरों में कुछ को बात नजर आई तो कुछ ने उनके भाषण को हिंसात्मक बता दिया था.
उन्होंने अपने भाषण में जेएनयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) को देशद्रोही बताते हुए, सीने में वॉर करने की बात कही थी. खुशबू का भाषण सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था.
पुलवामा अटैक (Pulwama Attack) और अन्य आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए खुशबू ने देश को बदले के लिए उत्तेजित किया. मानवाधिकारों पर स्पीच दे रहे खुशबू चौहान और बलवान सिंह की तुलना की जाए तो दोनों के तर्कों में बहुत फर्क देखने को मिलेगा.
जहां खुशबू के तेवरों में आग थी तो बलवान (Balwan Singh) का कहना ठीक इससे उल्टा था, उन्होंने कहा प्यार और क्षमा से भी बड़े बड़े युद्ध जा सकते हैं. उन्होंने अपनी स्पीच में कहा ‘मेरे प्यारे साथियों बहादुरी मारने में नहीं बचाने में है’.
बलवान ने अपनी बात पर तर्क दिया कि ‘अगर बम-बंदूक के दम पर शांति स्थापित होती तो कश्मीर-छत्तीसगढ़ में अभी तक शांति हो गई होती’.
सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) की 233 बटालियन में कांस्टेबल खुशबू चौहान ने इस डिबेट में मानवाधिकारों के खिलाफ बात की जबकि बलवान ने इन्हें मौलिक अधिकार बताया, उन्होंने फर्जी मुठभेड़ और मौतों का भी आकड़ा दिया.
देखिए पूरी स्पीच:
Assam Rifles के जवान बलवान सिंह: बहादुरी मारने में नहीं बचाने में है…#HumanRights pic.twitter.com/nObME8UwQf
— Mohit Grover ਮੋਹਿਤ ਗਰੋਵਰ (@mgmohitgrover) October 9, 2019