क्रिकेट को छोड़ दिया जाए, तो अन्य खेलों में भारत का सीना गर्व से ऊंचा करने वाले भारतीय खिलाड़ियों का मेडल जीतने के बाद क्या हश्र होता है, ये बात आज तक किसी से छिपी नहीं है. ओलंपिक और एशियन खेलों में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को कैसे-कैसे दिन देखने पड़ते हैं, ये बात सभी को पता है. कई ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके लिए दो वक़्त की रोटी का इंतजाम करना भी मुश्किल हो जाता है.
कई खिलाड़ी मैडल जीतने के बाद भी अपना गुजारा करने के लिए सब्जी वगेरह बेचते हुए देखे गए हैं. सरकार इन खिलाड़ियों के लिए कुछ नहीं कर पाती. ऐसा ही एक किस्सा एक बार फिर 18वें एशियन गेम्स के खत्म होने के बाद सामने आया है. दरअसल 18वें एशियन खेलों में पहली बार देश को कांस्य पदक दिलाने वाले एथलीट हरीश कुमार अपने देश वापस लौट कर चाय बेचने पर मजबूर हो गए है.
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दरअसल एशियन गेम्स के बाद ओलंपिक को देखते हुए हरीश ने भारत वापस लौटते ही अपनी प्रैक्टिस फिर से करनी शुरु कर दी है. हरीश 6 घंटे की प्रैक्टिस कर रहे है लेकिन आप लोगों को ये जानकर हैरानी होगी कि हर रोज हरीश प्रैक्टिस के बाद अपनी चाय की दुकान पर चाय बेचने भी जाते हैं.
हरीश को ऐसा इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि हरीश के पिता एक ऑटो ड्राइवर है, जिसकी वजह से घर की बाकी जिम्मेदारी उन पर ही है. लेकिन सरकार का ध्यान आखिर अभी तक हरीश पर क्यों नहीं गया? आखिर कब तक देश का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को इसी तरह से नौकरी के लिए तरसना पड़ेगा. एशियाड के कांस्य पदक विजेता हरीश सरकारी नौकरी की तलाश में है.
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चाय बेचने को लेकर हरीश ने कहा, ‘मेरे परिवार में लोग ज्यादा हैं और कमाई कम है. पापा ऑटो चलाने गए, तो दुकान पर मैं आ जाता हूं. मैं प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक अभ्यास करने जाता हूं. बेहतर भविष्य के लिए सरकारी नौकरी की तलाश में हूं ताकि घर वालों की मदद कर सकूं.’
From selling tea to winning bronze at the #AsianGames: The journey of #HarishKumar.#AsianGames2018 pic.twitter.com/u36Hq4OdIW
— InUth (@InUthdotcom) September 7, 2018
पहली बार देश को इस खेल में पहचान दिलाने वाले हरीश ने अपने खेल को लेकर कहा कि मैं पहले टायर के साथ खेलता था लेकिन इसके बाद कोच हेमराज की नजर मुझ पर पड़ी. यहीं से मुझे उन्होने इस खेल के लिए प्रेरित किया. ओलंपिक अब ज्यादा दूर नहीं है. ऐसे में अगर हरीश जैसे खिलाड़ियों को एक बार फिर पदक जीतना है, तो उन्हें सरकार की तरफ से भरोसी की उम्मीद जगानी होगी.