एरोन फिंच ने 93 वनडे मैच खेलने के बाद अपना टेस्ट डेब्यू किया है. अपने पहले टेस्ट की पहली पारी में फिंच ने शानदार 62 रन बनाए.
क्रिकेट के स्तर को बदलता देख अब हर क्रिकेटर अपनी फिटनेस पर काफी ज्यादा ध्यान देने लगा है. सभी खिलाड़ी अपने देश के लिए ज्यादा से ज्यादा क्रिकेट खेलना चाहते हैं. यही वजह है कि आज के क्रिकेटर्स तीनों फोर्मट्स की जगह, एक या दो फोर्मट्स में अपना ज्यादा ध्यान लगाते हैं. लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि टीम की जरुरत के लिए उन्हें तीनों फोर्मट्स में खेलना पड़ता है.
ऐसा ही कुछ ऑस्ट्रलिया के बल्लेबाज एरोन फिंच के साथ हुआ है. स्मिथ और वार्नर की गैरमौजूदगी में फिंच ने अपना टेस्ट डेब्यू किया है. फिंच ने पकिस्तान के खिलाफ दुबई में चल रहे टेस्ट में अपना डेब्यू किया है. 31 साल के फिंच ने अपना डेब्यू उस उम्र में किया, जब एक खिलाड़ी का करियर ढलान पर आना शुरू हो जाता है.
फिंच अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए पूरे विश्व में मशहूर है लेकिन अपने पहले टेस्ट में उन्होंने संभलकर बल्लेबाजी की. फिंच के लिए उनका टेस्ट डेब्यू उम्र के लिहाज से ही नहीं बल्कि उनके करियर के लिहाज से भी काफी देर से हुआ है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए अब तक 93 वनडे और 42 टी 20 मैच खेले हैं और अब जाकर उन्हें टेस्ट क्रिकेट में मौका मिला है. अगर स्मिथ और वार्नर टीम में होते, तो शायद फिंच को ये मौका नहीं मिलता.
फिंच ने पाकिस्तान के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में 161 गेंदों का सामना करते हुए 62 रन बनाए. अपनी पहली पारी में उन्होंने 5 चौक्के और 1 छक्का लगाया. फिंच ने पहले विकेट में अपने ओपनिंग पार्टनर उस्मान ख्वाजा के साथ मिलकर 142 रन की साझेदारी की और टीम को काफी अच्छी शुरुआत दी.
फिंच की बात करें, तो उन्होंने 2011 में टी-20 क्रिकेट से अपने क्रिकेटिंग करियर की शुरुआत की थी. टी-20 क्रिकेट में डेब्यू के दो वर्ष बाद 11 जनवरी 2013 में उन्हें कंगारू टीम के लिए पहला वनडे खेलने का मौका मिला था.
