Bhaumvati Amavasya: 26 नवम्बर 2019 भौमवती अमावस्या व साथ में श्रीवत्स (आनंदादि) योग होने से कैसे प्राप्त होती है हनुमान जी की विशेष कृपा.
पौराणिक धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मंगलवार के दिन आने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. इस वर्ष यह अमावस्या 26 नवंबर 2019, मंगलवार को आ रही है साथ में श्रीवत्स आनंदादि योग भी है, वर्षभर में प्रत्येक मास में एक अमावस्या होती है.
शास्त्रों के अनुसार यह तिथि अत्यंत पवित्र तिथि मानी गई है, मंगलवार के दिन अमावस्या होने के कारण हनुमान जी और मंगल देवता की उपासना करना बहुत लाभदायी माना गया है, मंगलवारी अमावस्या के दिन पितरों का पूजन-अर्चन करने से मनुष्य पितृ ऋण से मुक्त हो जाता है, तथा पितृ भी प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं, इस दिन जो लोग कर्ज, ऋण आदि से निरंतर परेशान रहते हैं, उन्हें इस दिन रामभक्त हनुमानजी की आराधना विशेष तौर पर करना चाहिए.
विष्णु पुराण के अनुसार अमावस्या का उपवास रखने से पितृगण के साथ-साथ सूर्य, अग्नि, वायु, ब्रह्मा, इंद्र, रुद्र, अष्टवसु, अश्विनी कुमार, ऋषि तृप्त होकर प्रसन्न होते है तथा वंश वृद्धि, धन वृद्धि मान प्रतिष्ठा में लाभ वा समस्त प्रकार के सुखी रहने का आशीर्वाद भी देते हैं.
भौमवती अमावस्या हनुमान जी की आराधना करने के लिए एक बहुत अच्छी तिथि है. माँ गंगा जी का स्नान करने व पितृ पूजन का उत्तम योग है. आपको बता दें अमावस्या अगर सोमवार को पड़ रही हो तो उसे सोमवती कहा जाता है, अगर मंगलवार को अमावस्या हो तो उसे भौमवती कहा जाता है.
मंगल के दिन हनुमान भगवान को पूजा की जाती है, अमावस्या के साथ में संयोग है ऐसे में तर्पण, पवित्र नदियों में स्नान आदि अधिक फलदाई होगा. पितृ व इष्ट देव, इस दिन के दान से प्रसन्न होते हैं. अमावस्या हर महीने दो बार आती है, इस दिन दान जरुर करना चाहिए.