Bihar Election 2020: लोकसभा चुनाव 2019 में मिली करारी शिकस्त को तेजस्वी यादव अभी तक भूला नहीं पाए हैं, बिहार की सत्ता में आने के लिए वह हर मुमकिन प्रयास करने में जुटे हैं. उन्होंने फिर एक बार इस बात पर जोर डाला है कि सीएम बनते ही पहला सिग्नेचर 10 लाख युवा बिहारियों की सरकारी नौकरी के लिए होगा.
बिहार की फिजा में उनकी लहर साफ दिख रही है, अब देखना ये होगा क्या भीड़ बेरोजगार है तो रैलियों का हिस्सा बनने आ जा रही ही या फिर नीतीश सरकार को रिजेक्ट करने के संकल्प लिया जा चुका है. अनुभवी प्रदेश के गढ़ में युवा नेताओं ने भी बड़ी हुंकार भरी है, तेजस्वी ही नहीं चिराग पासवान, पुष्पम प्रिया चौधरी भी नीतीश कुमार की सरकार को गिराने के लिए पुरजोर मेहनत कर रहे हैं.
बिहार सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील कुमार, जीतन राम मांझी सहित अन्य स्टेट के भी नेता जैसे योगी आदित्यनाथ भी तेजस्वी के इस वादे का मजाक बना चुके हैं. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ इसे 10 लाख नौकरियों का झुनझुना बता चुके हैं तो नीतीश कुमार ने लालू परिवार पर सभी रैलियों में जोरदार हमले किए हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव में मौके की नजाकत को देखते हुए 31 वर्षीय युवा आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी, गरीबी, शिक्षा के मुद्दे को उठाया है, जबकि NDA का सवाल है इतनी बड़ी संख्या में नौकरियां आयेंगी तो आयेंगी कहां से.
वहीं दिग्गज नेताओं की जुबान पर लगाम लगाने के लिए तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान कर डाला है, उनका कहना है अगर 10 लाख युवाओं की नौकरियों के लिए पैसा कम पड़ेगा तो मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायकों की सैलरी से इंतजाम किया जाएगा लेकिन बिहार में बिहारी की जिंदगी को बेहतर भविष्य देना तय है.