Uttarakhand: उत्तराखंड बीजेपी में शोक की लहर है, सल्ट विधानसभा क्षेत्र से लोकप्रिय नेता के चले जाने से तमाम दिग्गज नेता सहित समर्थक स्तब्ध हैं. कोरोना ग्रस्त 50 वर्षीय नेता सुरेंद्र सिंह जीना पिछले तीन हफ्तों से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में भर्ती थे.
जीना परिवार पर इस वक्त दुखों का पहाड़ टूट चुका है, 27 अक्टूबर को उनकी पत्नी नेहा जीना (Neha Jeena) की मौत हार्ट अटैक की वजह से हो गई थी, बताया जा रहा है कि पत्नी धरमा उर्फ नेहा भी कोरोना से संक्रमित थी. सल्ट के लोगों को मृदुभाषी व विकासशील पुरुष सुरेंद्र सिंह जीना के चले जाने से गहरा सदमा पहुंचा है.
मात्र 50 बसंत और फिर एक बड़े जनता प्रतिनिधि का चले जाना वाकई शॉकिंग है.अल्मोड़ा जिले के सल्ट विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक रह चुके सुरेन्द्र सिंह जीना का वहां के युवाओं के बीच अच्छी पकड़ थी, उन्होंने कांग्रेस के गढ़ को अपनी अनूठे व्यक्तित्व के दम पर बीजेपी के गढ़ में तब्दील कर दिया था.
साल 2007 में वह पहली बार विधायक बने और हरीश रावत के नजदीकी रणजीत सिंह रावत (Ranjit Singh Rawat) को हराकर बड़ी पहचान बनाई, इसके बाद उस क्षेत्र में कांग्रेस वापस नहीं लौटी 2012 के साल 2017 में वह तीसरी बार विधायक बने थे.
8 दिसम्बर 1969 के जन्मे सुरेन्द्र सिंह जीना दिल्ली में पढ़े लिखे थे, सल्ट से खास लगाव के चलते उन्होंने अपनी राजनीतिक खूबी को वहां के लोगों के सेवा में लगा दिया था. भिकियासैण (Bhikyasen constituency) के लोकप्रिय नेता के चले जाने से पूरा उत्तराखंड सदमे में है. विधायक की मौत की वजह कोरोना बताई जा रही है, पत्नी के मौत के बाद से ही वह खराब तबियत से जूझ रहे थे.