Bihar Election Result: कई हद तक राष्ट्रीय जनता दल के लीडर तेजस्वी यादव बिहार की जनता को अपना मुरीद बनाने में सफल रहे लेकिन कुछ समीकरणों ने उनका सपना ऐसा तोड़ा है जिसे वह कभी नहीं भूल पाएंगे, जाहिर सी बात है डबल इंजन सरकार के खिलाफ जो वोट हुए वो अगर बंटते नहीं तो तेजस्वी सीएम होते.
असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी न सिर्फ 5 सीटों पर चुनाव जीतती है बल्कि अन्य कई पर भी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की पार्टी को भारी क्षति पहुंचा देती है. मुस्लिम व दलित वोट बैंक के लिए बिहार के चुनावी रणभूमि में उतरने वाले ओवैसी, भाजपा NDA के लिए वरदान बनकर आए.
BJP ने बिहार में RJD से कम सीटें जरुर पाईं हैं लेकिन जनता दल यूनाइटेड के साथ मिलकर बहुमत से सरकार बनने जा रही है. अकेले 75 सीटों के बाद भी तेजस्वी का सपना चूर-चूर होने जा रहा है, महागठबंधन की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस 19 पर सिमट कर रह गई जबकि बीजेपी (74) व जेडीयू (43) फिर एक बार हुकूमत करने जा रही है.
महागठबंधन बहुमत साबित नहीं कर पाया, अतः 69 वर्षीय नीतीश कुमार चौथी बार सीएम की कुर्सी संभालते हुए नजर आने वाले हैं. 10 लाख नौकरियों की बात करने वाले तेजस्वी उन्हीं लोगों के हाथों शिकार हुए हैं जो खुद NDA की सत्ता के सख्त खिलाफ हैं, आए दिन असदुद्दीन ओवैसी पीएम मोदी के खिलाफ कुछ न कुछ तीखी बयानबाजी करते हैं लेकिन जब मौका था बिहार की सत्ता से NDA को बाहर करने का तो उन्होंने इसे गवा दिया.
महागठबंधन को मिलने वाले वोट तितर बितर होने का परिणाम ही है जो भाजपा प्लस जेडीयू को फिर एक बार सत्ता का भार सौंपा जा रहा है. वहीं बिहार चुनाव का परिणाम पूरी तरह रोमांच से भरपूर रहा, चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी मात्र 1 सीट पर जीत हांसिल कर पाई जबकि शिवसेना ने NOTA को अपना प्रतिद्वंदी चुना और एक भी सीट पर जीत हांसिल नहीं की.
