Arun Jaitley Life Story in short: भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर व पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का ने आज दिनांक 24 अगस्त 2019 को दिल्ली एम्स में अंतिम सांस ली, उनके निधन ने पूरे देशभर में शोक का माहौल है.
9 अगस्त से वह हॉस्पिटल में भर्ती थे, आज दोपहर 12 बजकर 7 मिनट पर वह टिशू कैंसर से जंग हार गए. वह सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही नहीं बल्कि भारतीय राजनीति के भी बहुत बड़े चेहरे थे.
जिंदगी में कभी लोकसभा चुनाव नहीं जीतने के बावजूद उन्हें 2014 में केंद्रीय वित्त मंत्री की कुर्सी सौंप दी गयी थी. BJP के सभी दिग्गज नेताओं ने उन्हें खोने का गम ट्विटर पर शेयर किया है.
अरुण जेटली का जीवन परिचय
28 दिसम्बर 1952 को अरुण जेटली का जन्म दिल्ली के नारायण विहार में हुआ, पिता महाराज किशन जेटली वकील जबकि माँ रतन प्रभा समाज सेविका थी. पढ़े लिखे परिवार से ताल्लुक रखने वाली जेटली ने सेंट जेवियर्स स्कूल से पढाई पूरी की थी.
इसके बाद ग्रेजुएशन के लिए वह श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स पहुंचे, यहां वह तेज तर्रार छात्र के रूप पढाई, स्पोर्ट्स व रजनीति में पहचान बना चुके थे और छात्र संघ चुनाव भी जीते, एक डिबेटर के तौर पर भी वह अव्वल रहने लगे.
इसके बाद वह वकालत की पढाई के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचे, लगातार वकालत और राजनीति में वह सक्रीय रहने लगे और पहचान बनाने लगे, कॉलेज से चुनाव भी जीते. इसी दौरान उन्होंने जनता पार्टी ज्वाइन कर ली.
पार्टी के भ्रष्टाचार उन्मूलन आन्दोलन से प्रभावित होकर वह न सिर्फ पार्टी से जुड़े बल्कि उन्हें युवा संगठन में विशेष पद भी मिला.
अरुण जेटली ने 1982 में लाला डोगरा और शकुंतला डोगरा की पुत्री संगीता से विवाह किया जिनसे उनकी 2 संतानें बीटा रोहन व बेटी सोनाली हुए. दोनों संतानें भी वकालत में माहिर हैं.
अरुण जेटली का राजनीतिक सफर
1974 में अपने कॉलेज से छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव जीतने के साथ ही उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की जबरदस्त शुरुवात की. उस दौर में NSUI का दबदबा था लेकिन वह ABVP को वर्चस्व में लाये.
फिर आया आपातकाल का दौर (1975), उन्होंने इसका विरोध किया और उन प्रमुख नेताओं में शुमार हो गए जो इस कारण लम्बे समय लगभग 19 महीने तक तिहाड़ जेल में रहे.
