Vishnu Tiwari: जो गुनाह कभी किया नहीं उसकी 20 साल सजा काट आए विष्णु तिवारी, सदमे में मर गए मां-बाप व भाई

Vishnu Tiwari: कहा जाता है भले ही दोषी को सजा मिलने में वक्त लगे लेकिन एक निर्दोष को कभी सजा नहीं होनी चाहिए क्योंकि उसे व उसके परिवार वालों को जो तिरस्कार झेलना पड़ता है उससे न जाने कितनी जिंदगियों का जीना मुश्किल हो जाता है, ऐसा ही कुछ हुआ यूपी के विष्णु तिवारी के साथ.
एक दलित महिला का बलात्कार करने का आरोप जब 18 वर्षीय विष्णु तिवारी (Vishnu Tiwari) पर लगा तो साथ ही sc/st एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई, 19 साल 3 महीने 3 दिन में एक निर्दोष शख्स ने क्या क्या खोया इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है, पूरा परिवार इस केस की वजह से बदमानी का दुख झेलते झेलते जिंदगी की जंग हार गया.
अब जब विष्णु तिवारी जेल से वापस लौटे तो उन्हें घर में छोटे भाई का परिवार व विधवा भाभी की तंग हालत दिखी, वह बताते हैं उन्हें कभी जमानत तक नहीं मिली, केस लड़ते हुए 5 एकड़ जमीन भी चली गई. जेल में उनके पिता की मौत की खबर उनसे छिपाई गई. उत्तर प्रदेश के ललितपुर निवासी विष्णु तिवारी आज निर्दोष साबित होने पर खुशी नहीं मना पा रहे हैं क्योंकि कानून की लापरवाही ने उनसे इतना कुछ छीन लिया है कि जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती है.
महरौली कोतवाली के अंतर्गत सिलावन ग्राम के इस मामले ने लोगों का गुस्सा, SC/ST एक्ट का दुरुपयोग करने वालों पर उतर रहा है. पिता रामेश्वर प्रसाद तिवारी, बेटे को जेल होने के बाद सदमे में थे फिर उन्हें लकवा हो गया और उनकी मौत हो गई, बड़े भाई दिनेश तिवारी की मौत हुई फिर हार्ट अटैक से भाई रामकिशोर तिवारी की मौत हुई और फिर सदमे से मां का भी स्वर्गवास हो गया.
नाइंसाफी की हद है कि किसी के भी अंतिम संस्कार के लिए विष्णु तिवारी को बेल नहीं मिली. अब समाज सवाल करता है कि क्या कानून उनके 20 साल वापस लौटा सकता है. एक आपसी रंजिश ने विष्णु तिवारी से उसकी जवानी, परिवार छीन लिया, उनके व परिवार के लिए भारी मुआवजे की मांग की जा रही ताकि वह बची जिंदगी सुख चैन से बिता सकें.
