Vikas Dube: उत्तर प्रदेश के क्राइम रेट किसी से छुपा नहीं है, योगी आदित्यनाथ के राज में उम्मीद की जा रही थी कि थोड़ा अंकुश लगेगा लेकिन अभी भी अपराधियों का हौंसला इस बात से लगाया जा सकता है कि 8 पुलिसकर्मीयों की जाने लेने में वे पीछे नहीं हटे.
जिस विकास दुबे (Vikas Dube) के लिए आधी रात को पुलिस ने जोखिम उठाया उसके तार इतने लम्बे थे कि उसे पहले से ही पता था कि पुलिस आज धावा बोलने वाली है. उत्तर प्रदेश के कानपुर के बैकरु गांव में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे दबोचने के लिए निकली पुलिस पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें डिप्टी SP सहित 8 पुलिसवालों की जान चली गई.
इस भयानक मुठभेड़ में न सिर्फ 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए बल्कि 4 पुलिसकर्मी घायल हो गए. घटनास्थल के आसपास से पुलिस बल बुलाया गया जिनकी मदद से घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जबकि भयानक मुठभेड़ में SP देवेंद्र मिश्रा, 3 उप निरीक्षक और 4 पुलिस कांस्टेबल इस दौरान जान से हाथ गवा बैठे.
पुलिस ने जानकारी दी कि 2 जुलाई की देर रात को कानपूर के चौबेपूर पुलिस थाने के दिकरू गांव में छिपे हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने लिए पुलिस का बड़ा दल जा रहा था लेकिन बदमाशों को इसकी भनक पहले से थी और मुठभेड़ हो गयी जबकि अंधेरा का फायदा उठाते हुए विकास दूबे फरार हो गया.
पुलिस के हवाले से यह भी खबर हाथ लगी है कि कुख्यात बदमाश विकास दुबे पर 60 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, जुर्म की हदें पार कर चुका विकास राजनाथ सिंह की आगुवाई वाली सरकार में श्रम संविदा बोर्ड के चेयरमैन संतोष शुक्ला को खुलेआम पुलिस थाने में गोली मार चुका है. ऐसे अपराधों में वह पुलिस के चुंगल से बाहर है. 2017 में वह इस मामले में अरेस्ट में भी लिया था लेकिन गवाह हाथ न लगने से उसे जमानत मिल गई.