Sonu Punjaban’s Story: इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि भ्रष्टाचारी नेताओं और घूसखोर पुलिसवालों की शरण में ही सोनू पंजाबन जैसे कुख्यात शैतान जन्म लेते हैं, एक लम्बी कानूनी लड़ाई इन्हें इनके ठिकाने तक पहुंचती है. सोनू पंजाबन को 24 साल की सजा हो तो रही है, लेकिन जुर्म की दांस्ता सुनोगे तो आपको ये सजा भी कम लगेगी.
जिस्मफरोशी और बच्चियों की तस्करी के जघन्य अपराध में सोनू पंजाबन (Sonu Punjaban) को 24 साल की जेल की सजा हो गई है. साल 2017 का मामला था जिसमें सुनवाई हुई, उसने 12 साल की मासूम को जिस्मफरोशी के धंधे में धकेला था.
सालों से सोनू पंजाबन का धंधा चल रहा है, इंटरनेट के इस दौर में उसने चालाकी से अपने धंधे को अंजाम दिया था. फ्रीलांस कॉल गर्ल्स से उसका कांटेक्ट था, व्हाट्सऐप मेसेज व विडियो कॉल के माध्यम से ही लाइन पर बनी रहती थी तांकि पुलिस के हाथ कोई सुराग न लगे, ई-वॉलेट के माध्यम से ही उसका पेमेंट सिस्टम होता था.
17 की उम्र में हिस्ट्रीशीटर से की थी शादी
गरीब परिवार से ताल्लूक रखने वाली गीता अरोड़ा का बाप रोजी रोटी के लिए हरियाणा से दिल्ली रवाना हुआ ऑटो ड्राईविंग करके घर चलाने लगा, छोटी सी उम्र में गीता बदमाशों के कांटेक्ट में आ गयी थी, 10वीं के बाद उसने ब्यूटी पार्लर खोला था. मात्र 17 साल की उम्र में उसने शादी रचा ली वो भी हरियाणा का वांटेड विजय से, साल 2003 में उसका हिस्ट्रीशीटर पति विजय एक मुठभेड़ में मारा गया.
एक के बाद एक बदमाश पतियों का हुआ एनकाउंटर
सोनू पंजाबन के बारे में एक और बात फेमस है कि जिससे उसने शादी की वह मुठभेड़ में मारा गया, पैसे व पॉवर के लिए वह जिस्मफरोशी का कारोबार करने लगी विजय के बाद दीपक सोनू नाम के बदमाश से शादी की वह अगले ही साल 2004 मुठभेड़ में मारा गया. इसके बाद वह हेमंत के दोस्त बंटी के करीब आई और दोनों ने धंधे को बड़े लेवल पर ले जाने की योजना बनाई, हालांकि कुछ ही समय बाद बंटी भी पुलिस के एनकाउंटर का शिकार हो गया था.
दोनों ने मिलकर धंधे को एक कंपनी की तरह चलाना शुरू कर दिया था, और पैसों की भूख ने उसे अंधा बना दिया. अशोक बंटी की मौत के बाद अब दलालों को जॉब पर रखा जो कम उम्र की लड़कियों की उठाकर लाने लगे, स्कूल कॉलेज की लड़कियों को इस धंधे में धकेला.