Farmers’ Protest: किसानों और सरकार के बीच बात बिगड़ती चली जा रही है, सिख संत राम सिंह जी महाराज की आत्महत्या ने किसान आंदोलन को और भी उग्र रूप दे दिया है, सिंघु बॉर्डर से लेकर कुंडली बॉर्डर तक पंजाब-हरियाणा के किसानों का एक ही नारा है कि वे लड़ कर अपना हक लेना जानते हैं.
सोशल मीडिया पर ऐसे तमाम विडियोज वायरल होने लगी है जहां मोदी सरकार को बड़ी बड़ी चेतावनियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में सिर्फ एक चिंगारी की जरूरत है और यह आंदोलन अनचाहा रुप ले सकता है. सरकार को अब किसी न किसी नतीजे पर पहुंचने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए.
आपको बता दें सिख संत राम सिंह महाराज जी (Sant Ram Singh Maharaj Ji) ने 16 दिसंबर को सुसाइड नोट लिखने के बाद खुद की जीवनलीला खत्म करने की ठानी, उन्होंने पंजाबी भाषा में ही एक सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा है और लिखा है उनसे सीमाओं पर किसानों की दुर्दशा बिलकुल भी नहीं देखी जा रही है.
भाजपा की पूर्व सहयोगी व शिरोमणि अकाली दल की नेत्री हरसिमरत कौर बादल ने फिर के बार मोदी सरकार पर निशाना साधा है. हाल ही में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने मोदी सरकार व भारतीय जनता पार्टी को देश की सबसे बड़ी टुकड़े टुकड़े गैंग करार दिया था.
बाबा राम सिंह जी सिंघरा वाले की सुसाइड को हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने एक त्रासदी बताया है, उनका कहना है उम्मीद है अब तो केंद्र, किसानों की पीड़ा को समझेगी और नए कृषि कानूनों को वापस लेगी. सोशल मीडिया पर पंजाब व हरियाणा के किसानों में आक्रोश साफ देखा जा सकता है, वहीं कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सिर्फ विपक्ष को ही इसका जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, उनका कहना है किसान विपक्ष के झांसे में बुरी तरह आ चुके हैं.
Even as GOI remains stubborn & refuses to be moved by suffering of #farmers, Baba Ram Singh ji Singhra wale has committed suicide after being unable to see the suffering around him at Kundli border. Hope GOI wakes up to the tragedy & repeals the 3 agri laws before it's too late. pic.twitter.com/z0Ruv8VCYa
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) December 16, 2020