Raksha Bandhan 2020: भाई-बहन का त्यौहार रक्षा बंधन एक पवित्र और बड़ा पर्व है, जिसे हिंदू समाज के लोग बड़े जश्न के साथ मनाते हैं. यह पर्व हर साल अगस्त माह में पड़ता है, इस साल या कहें 2020 में यह पर्व 3 अगस्त को पड़ रहा है.
पशु-अधिकार संगठन पेटा (Peta) एक अंतरराष्ट्रिय स्तर की NGO है जो पशुओं के हित में काम करती है, इंडिया में भी यह NGO 20 साल पूरे कर चुकी है और दिन रात बेसहारा पशुओं के लिए काम करती है. लेकिन रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) से पहले उन्होंने जो जागरूकता फैलाने की कोशिश की है उसने हिन्दू धर्म के लोगों को बुरी तरह आहत कर दिया है.
सोशल मीडिया पर PETA के खिलाफ दोहरी मानसिकता का टैग लग रहा है, एक तरफ जहां फ्रेंडशिप बैंड जो वेस्टर्न कल्चर की देन है, के खिलाफ PETA India ने कभी कोई बात नहीं कही, दूसरी तरफ राखी (Rakhi) जो साधारण धागे से बनी होती है उसके लिए देश के कई जगहों पर जागरूकता फ़ैलाने की कोशिश की गई, लोगों का कहना है यह हिन्दू धर्म को बदनाम करने की साजिश है.
पेटा (Peta) ने बड़ा सा बैनर बनवाया है जिसमें गायों की रक्षा के लिए आवाज उठाई गई है, उनके मुताबिक बहन जिस राखी को भाई के हाथ में बांधती है वह गाय के चमड़े अर्थात लैदर से बना होता है, जबकि कोई भी राखी चमड़े की नहीं बनी होती है उल्का हिन्दू धर्म में लैदर को अशुभ माना जाता है, लैदर पहनकर मंदिरों में जाने की भी इजाजत नहीं होती है.
ट्विटर पर PETA इंडिया के खिलाफ आवाज उठ रही है, उनपर आरोप है कि वेस्टर्न कल्चर को सर आंखों पर बैठाने वाली PETA, हिंदू धर्म को जान बूझकर बदनाम कर रही है, विश्व में हिन्दुओं की छवि खराब कर रही हैं.
https://twitter.com/dharmicverangna/status/1283781288525062145
Hindus do not use cow leather, or in fact, any leather for the purpose of Rakhi.
PETA India is a fraud. Please RT so that their malicious campaign meets an equal counter. https://t.co/ChPjL3HcUN
— Priyanka (Astrology Guidance) (@AstroAmigo) July 16, 2020
#Petaindia awakens only whn HinduFestival approaches.Till d time #Eid passes n innocent animals r slaughtered,PETA vl be snoozing.
JihadiTerror can be seen on PETA as it removed AntiGoatSlaughter hoardings in lcknw bt cant remove #Rakhi hoarding bcos Hindus r shamelessly TOLERANT pic.twitter.com/Ar0KAJWtQk
— Sanatan Women (@SanatanWomen) July 17, 2020