Payal Tadvi Suicide Case: 22 मई को हुए इस सुसाइड केस ने पूरे देशभर के लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है, लोगों का मानना है महाराष्ट्र के प्रगतिशील इलाके में इस तरह की घटना चिंता का विषय है, शिवसेना ने सवाल उठाए हैं कि रैगिंग जैसी विषैली चीज तो दो दशक पहले बैन हो चुकी है.
21वीं सदी में जहाँ पूरी दुनिया तेजी से आधुनिकता का पीछा कर रही है तो इंडिया में आज भी जातिवाद और कॉलेजों में रैगिंग जैसी घटनायें आम बात है लेकिन मुंबई जैसे बड़े शहर के चर्चित नायर हॉस्पिटल से इस तरह की खबर ने सभी को हौरन कर दिया.
बीवाईएल नायर हॉस्पिटल से डॉक्टर पायल (Payal Tadvi) की सीनियर्स डॉक्टर भक्ति मेहरा, हेमा अहूजा और अनीता खंडेलवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उनसे पूछताछ जारी है.
आपको बता दें पायल की माँ आबेदा तडवी (Abeda Tadvi) ने इन सीनियर्स पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ये पायल को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर आदिवासी समाज को गाली दिया करती थी.
पायल की माँ और पति ने लगाए ये आरोप
रैगिंग के नाम पर वह सीनियर महिला गायनेकोलॉजिस्ट, पायल को जाति और आरक्षण के लिए आए दिन प्रताड़ित किया करते थे, इस बात को कई बार फोन पर पायल ने माँ को बताया था लेकिन माँ ने कभी यह नहीं सोचा कि बेटी इतना बड़ा कदम उठा लेगी.
पायल के पति डॉक्टर सलमान ने इसे हत्या का आरोप बताया है, उनका कहना है कि सीनियर्स ने ही पायल की जान ली है.
आरोपियों ने महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स को लिखा खत
पायल तडवी सुसाइड केस में आरोपी अंकिता खंडेलवाल, भक्ति मेहरे और हेमा आहूजा ने अपील की है कि इस पूरे केस की निष्पक्ष जांच हो और उन्हें भी अपना पक्ष रखने का मौका मिले. उन्होंने पुलिस और मीडिया के दबाव के तरीके को जांच का गलत तरीका बताया.