NEET 2020: पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती, ओडिशा के एक शख्स ने इस बात को सिर्फ किताबों तक सिमित नहीं रखा. शिक्षा किसी उम्र या अन्य बाधा की मोहताज नहीं होती. जिस प्रवेश परीक्षा को 12वीं के बाद एप्लाई करते हैं, एक रिटायर्ड कर्मचारी के द्वारा क्लियर करना वाकई प्रेरणादायक है.
वीर सुरेंद्र साई इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेंस ऐंड रिसर्च (VIMSAR) में पढ़ने जा रहे जय किशोर प्रधान (Jai Kishore Pradhan) ने छात्र जीवन रहते ही हार जाने वालों को कमाल का मोटिवेशन दिया है, जय प्रधान के हौंसले को लोग इसलिए भी सलाम कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने NEET प्रवेश परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की है, इसे क्वालीफाई करने के लिए स्टूडेंट्स 2-4 साल कोचिंग करते हैं.
मेडिकल की पढ़ाई आम पढ़ाई से कई टफ व चैलेंजिंग होती है, 60 की उम्र के बाद ऐसा विचार आना कि अलग करियर आगे बढ़ाया जाए, यह वाकई मोटीवेटिंग है. जय किशोर प्रधान, बुर्ला स्थिर विमसार में दाखिला ले चुके हैं, वह बरगढ़ जिले के अट्टाबिरा के हैं. रिटायर्ड होने के बाद उन्होंने 12वीं तक साइंस स्टीम की पढ़ाई को जारी रखने का मन बनाया और नए करियर को अजमाना चाहते हैं.
जय किशोर प्रधान ने साथ ही एक खुलासा किया कि सालों पहले मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम में आवेदन किया था लेकिन उस वक्त परीक्षा में अनुत्तीर्ण हो गए थे. भौतिक विज्ञान में BSC करने के बाद एक स्कूल में नियुक्ति हुई लेकिन 1983 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी लगी, और यहां जॉब करना बेहतर चुना. साल 2016 में रिटायर हुए और NEET की तैयारी करनी शुरू कर दी.
MBBS करने के पीछे हैं बहुत नेक इरादे
जय किशोर प्रधान ने MBBS की पढ़ाई करने के पीछे वजह बताई कि वह मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद गरीबों का मुफ्त इलाज करना चाहते हैं. इसी के साथ ही वह MBBS की पढ़ाई करने वाले सबसे उम्रदराज छात्र बन चुके हैं.
