जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सेना पर आत्मघाती आतंकी हमला हुआ. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए हैं और कई दर्जन जवानों की हालत गंभीर बनी हुई है. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है.
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर अपनी कायरता दिखाई है. एक बार फिर आतंकियों ने भारतीय सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में सेना के काफिले पर आतंकी हमला हुआ है.
इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए हैं और लगभग 50 जवान घायल हुए हैं. इन 50 में से 18 जवानों की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है. घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस दर्दनाक हमले के बाद सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबित काफिले में सीआरपीएफ की 12 गाड़ियों में 2500 से ज्यादा जवान मौजूद थे. आतंकियों ने सुरक्षाबलों की दो गाड़ियों को निशाना बनाया.
ये हमला 2016 में उरी में हुए आतंकी हमले से भी बड़ा हमला बताया जा रहा है. आपको बता दें कि 2016 में उरी में हुए आतंकी हमले में 19 जवान शहीद हुए थे.
हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ने ली है. इस हमले के पीछे जिस आत्मघाती आतंकी का नाम सामने आया है वो है आदिल अहमद डार.
पढ़िए जैश-ए-मोहम्मद संगठन की पूरी कहानी
जैश-ए-मोहम्मद एक ऐसा संगठन है जिसे जम्मू कश्मीर में होने वाले आतंकी हमलों का सबसे बड़ा मास्टरमाइंड बताया जाता है. सीमा पर होने वाली हर हमले की तार कहीं न कहीं इसी संगठन से जुडी होती है. इस संगठन का मकसद कश्मीर को भारत से पूरी तरह से अलग करना है.
इस संगठन को पाकिस्तान के पंजाब के मौलाना मसूद अजहर ने साल 2000 के मार्च महीने में बनाया था. दरअसल दिसंबर 1999 में अपहरित भारतीय विमान IC 814 के यात्रियों को बचाने के लिए भारतीय सरकार को तीन आतंकियों मौलाना मसूद अज़हर, अहमद उमर सईद शेख और मुस्तफाक अहमद ज़रगर को कंधार जाकर रिहा करना पड़ा.
इसके बाद मार्च 2000 में मौलाना मसूद अज़हर ने हरकत-उल-मुजाहिदीन अलग होकर अपना आतंकी संगठन बनाया. इसका नाम ‘जैश-ए-मुहम्मद’ रखा गया. मतलब मोहम्मद की सेना.
इस संगठन के साथ कई खूंखार आतंकियों का नाम जुड़ा है. 2001 में इस संगठन ने भारत में दो बड़े आतंकी हमले किये. अक्टूबर 2001 में भारत के दबाव के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने जैश को आतंकी संगठन घोषित कर दिया. साथ ही इसे ब्रिटेन, रूस और अमेरिका द्वारा जारी की गई आतंकियों की सूची में रखा गया है.
इन हमलों को जैश-ए-मोहम्मद दे चुका है अंजाम
1) भारत के मुंबई में होने वाले 26/11 अटैक का मुखिया जैश-ए-मोहम्मद के मसूद अजहर को ही बताया जाता है. इस हमले के तुरंत बाद ही इस संगठन ने हमले की पूरी जिम्मेदारी ली थी.
2) इसके अलावा इसी संगठन ने भारत के संसद पर आज से 18 साल पहले आत्मघाती हमला किया था. इस हमले में इसका साथ आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने दिया था.
3) इसी आतंकी संगठन ने फरवरी 2002 में अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की गर्दन काटकर हत्या कर दी थी.
4) 2016 में हुए ऊरी हमले में 19 भारतीय जवानों को शहीद होने पड़ा था. उस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के कुछ आतंकियों ने सोते हुए भारतीय जवानों पर हमला कर दिया था. हालांकि, आधिकारिक तौर पर जैश ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली थी.
5) नवंबर, 2007 में उत्तर प्रदेश पुलिस के एसटीएफ द्वारा लखनऊ में गिरफ्तार किए गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह राहुल गांधी के अपहरण के लिए देश में आए थे.
6) 1999 में अयोध्या और वाराणसी में हुए बम धमाके का जिम्मेदार भी जैश-ए-मोहम्मद के संगठन को ही बताया जाता है.
7) 20 मार्च 2015 में जम्मू संभाग के कठुआ जिले के राजबाग पुलिस थाने पर सेना की वर्दी में फिदायीन हमला हुआ था जिसमें तीन जवान शहीद हुए थे जबकि हमले में 10 लोग घायल हुए थे.
8) 14 और 25 दिसंबर 2003 में पाकिस्तानी राष्ट्रपति मुशर्रफ पर इस संगठन ने जानेलवा हमला करवाया.