COVID-19: कोरोना महासंकट ने फिर एक बार साबित कर दिया है कि डॉक्टर वाकई भगवान का रूप होते हैं, पूरी दुनिया में मेडिकल स्टाफ, नर्सेज, डॉक्टर्स ने जो हिम्मत दिखाई है उसने इंसानियत पर विश्वास करने का हौंसला दिया है.
दिल्ली के डॉक्टर जावेद अली (Javed Ali) ने लोगों को नया जीवन देने के लिए मार्च से फ्रंटलाइन में रहकर अपनी ड्यूटी की लेकिन अफसोस इस बात है कि वह खुद कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए, 24 जून को इस बात की पुष्टि हुई थी कि उन्हें कोरोना हो चुका है जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन आज बेहद दुखद खबर सामने आई है.
दिल्ली सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के लिए अपने ड्यूटी पर तत्पर रह रहे जावेद अली, असली कोरोना वॉरियर की भूमिका निभा रहे थे. संविदा डॉक्टरके तौर पर तैनात जावेद 20 जुलाई को इसी जानलेवा वायरस की वजह से दुनिया को अलविदा कह गए.
24 जून को जैसे ही उनकी कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई, उन्हें 3 हफ्तों के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था. दिल्ली AIIMS के ट्रॉमा सेंटर में उन्होंने आखिरी सांस ली, वह अपने पीछे पत्नी और दो मासूमों को छोड़ गए हैं. दिल्ली सरकार से उम्मीद की जा रही है कि परिवार को मदद मुहैया कराई जाए.
परिवार का कहना है संविदाकर्मियों से काम तो दिन रात कराया जाता है लेकिन मदद के नाम पर कोई फैसिलिटी नहीं दी जाती है. परिवार ने गंभीर आरोप लगाते हुए यह तक कहा कि अस्पताल में प्रारंभिक ट्रीटमेंट का खर्चा तक उन्होंने खुद पे किया था. NHM डॉक्टर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को इस विषय में खत भी लिखा है.