दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने जीटीबी अस्पताल में दिल्लीवासियों को इलाज में प्राथमिकता देने वाले सर्कुलर को खारिज़ कर दिया है. ये सर्कुलर कुछ हफ्ते पहले केजरीवाल ने जारी किया था.
कुछ हफ्ते पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के अस्पतालों में मरीजों के इलाज को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था. दिल्ली सरकार ने एक सर्कुलर जारी किया था. इस सर्कुलर के मुताबित दिल्ली के अस्पतालों में 80 फीसदी तक इलाज की सेवाएं केवल दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित कर दी गई थी.
इसके बाद केजरीवाल सरकार ने रही सही कसर मरीजों के अस्पतालों में इलाज के लिए पहचान पत्र जरुरी करने के बाद पूरी कर दी थी. इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार की खूब किरकिरी हुई. केजरीवाल सरकार की इस सर्कुलर को चुनौती देते हुए दिल्ली के एक एनजीओ ने हाई कोर्ट में इस सर्कुलर के खिलाफ याचिका दायर की थी.
अब दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका दिया है. कोर्ट में भी दिल्ली के अस्पतालों में अरविंद केजरीवाल द्वारा लागू की गयी इस अधिसूचना को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस सर्कुलर को मनमाना करार देते हुए कहा है कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए किसी भी मरीज के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा. जाहिर सी बात है कि कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली के अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी.
हाईकोर्ट का यह आदेश दिल्ली सरकार को तुरंत मानना होगा. इसका मतलब ये हुआ कि अब जीटीबी अस्पताल से दिल्ली सरकार को तुरंत उन बड़े-बड़े होर्डिंग्स को हटाना होगा, जिनमें बाहर से आने वाले लोगों को इलाज की मना थी.
अगर अस्पताल प्रशासन इस आदेश के बाद दिल्ली के बाहर से आए किसी भी मरीज को इलाज से मना करता है तो इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा. ऐसा करने पर मरीज उस अस्पताल के खिलाफ कोर्ट में जा सकता है और कानूनी लड़ाई लड़ सकता है.
बता दें कि इस सर्कुलर के खिलाफ हाई कोर्ट ने आठ अक्टूबर को ही सुनवाई पूरी कर ली थी. इसके बाद हाई कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया था. अब शुक्रवार सुबह हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अपने इस आदेश को अगस्त में ही स्वीकृति दे दी थी.
इस आदेश के मुताबिक अस्पताल में दिल्ली के लोगों को इलाज और दवाइयां तभी मिलेंगी, जब वे मतदाता कार्ड दिखाएंगे. केजरीवाल के इस फैसले पर दिल्ली के लोगों में काफी आक्रोश था. अब इस सर्कुलर के खारिज होने के साथ लोगों को बड़ी राहत मिली है.
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