Bipin Rawat on CAA Protest: संशोधित नागरिकता कानून (CAA) पर विरोध रुकने का नाम नहीं ले रहा है, भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) ने भी विरोध प्रदर्शन कर रहे विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के स्टूडेंट्स को लेकर बयान दिया है.
सेना प्रमुख का बयान सुनकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) व कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) भड़क उठे. ट्विटर के माध्यम से असदुद्दीन ओवैसी ने बिपिन रावत के बयान का जवाब दिया है.
नागरिकता कानून के विरोध में हो रही हिंसा पर बिपिन रावत ने नेतागिरी कर रहे लोगों को नसीहत दे डाली कि, स्टूडेंट्स को गलत करने के लिए उकसाना कोई लीडरशिप नहीं है. शहरों नें बढ़ रहे हिंसा को लेकर सेना प्रमुख बेहद चिंतित नजर आए, प्रोटेस्ट करने वालों का नेतृत्व करे रहे छात्र नेताओं, नेताओं को उन्होंने खरी खोटी सुनाई.
मीडिया को दिए इंटरव्यू में भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत (Bipin Rawat) कहीं न कहीं प्रोटेस्ट के खिलाफ नजर आए, जिसे देखकर हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) बिना पलटवार किए बिना खुद को रोक नहीं पाए.
ओवैसी ने उल्टा बिपिन रावत को नैतिकता का ज्ञान देते हुए लिखा ‘अपने ऑफिस की लिमिट जानना भी एक लीडरशिप ही है. नेतृत्व वो है जो नागरिकता को सर्वोच्च स्थान पर रखे और उस संस्था की अखडंता को बरकरार रखें जिसकी आप अगुवाई कर रहे हो‘.
कांग्रेसी नेता दिग्विजय ने भी सेना प्रमुख के बयान पर पलटवार करते हुए सवाल पूछ डाला कि सांप्रदायिक हिंसा फ़ैलाने वाले लीडर हैं क्या? आपको बता दें पीएम मोदी व अमित शाह के कट्टर विरोधी दिग्विजय सिंह CAA, NRC का पुरजोर विरोध कर रहे हैं.
"Leaders Not Those Who Lead Masses In Arson": Army Chief On Citizenship Protests
I agree General Saheb but also Leaders are not those who allow their followers to indulge in Genocide of Communal Violence. Do you agree with me General Saheb? https://t.co/rOo0vFGMIf— digvijaya singh (@digvijaya_28) December 26, 2019
Leadership is knowing the limits of one’s office.
It is about understanding the idea of civilian supremacy & preserving the integrity of the institution that you head https://t.co/qqbxgGj72j
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 26, 2019
