अयोध्या मामले पर 10 जनवरी को होने वाली सुनवाई के लिए 5 जजों की बेंच की घोषणा हो गई है. इस बेंच में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस यूयू ललिति, जस्टिस बोबडे और जस्टिस एनवी रमन्ना होंगे.
पूरे देश की नजर जिस मामले पर है, उसकी सुनवाई आखिरकार 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में शुरू हो जाएगी. अयोध्या मामले पर 5 जजों की बेंच सुनाई करेगी. इस बेंच में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस यूयू ललिति, जस्टिस बोबडे और जस्टिस एनवी रमन्ना होंगे.
आपको बता दें कि पिछली तारीख यानी 4 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अयोध्या जमीन विवाद मामले पर 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई नई पीठ करेगी. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा, ‘यह राम जन्मभूमि का मामला है. इस पर आगे का आदेश उपयुक्त पीठ 10 जनवरी को पारित करेगी.’
Five-judge bench led by Chief Justice of India Ranjan Gogoi will hear the Ayodhya case. Other four judges are Justice SA Bobde, Justice NV Ramana, Justice UU Lalit and Justice DY Chandrachud. https://t.co/MeIQq64EpJ
— ANI (@ANI) January 8, 2019
इस मुकदमे की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में मौजूद हिंदू महासभा के वकील ने कहा था कि अगर नई बेंच रोजाना इस मामले की सुनवाई करती है तो इसका फैसला 60 दिनों में भी आ सकता है.
हिन्दू महासभा के वकील का कहना था कि हम 10 जनवरी को प्रस्तावित बेंच के सामने रोजाना सुनवाई की अपील करेंगे. देश के हर एक नागरिक इस मामले पर जल्द से जल्द फैसला चाहता है. वकील ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्ष अपनी दलीलें रख चुके हैं. डॉक्युमेंट्स का आदान-प्रदान हो चुका है. ट्रांसलेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है.
हिन्दू महासभा के वकील ने आगे बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोजाना सुनवाई कर 90 दिनों में अयोध्या मामले में अपना फैसला दिया था. इसलिए अगर दोनों पक्ष सहयोग करें, तो सुप्रीम कोर्ट रोजाना सुनवाई करके 60 दिन में इस मामले पर फैसला कर सकता है.
आपको बता दें कि अयोध्या मामला पिछले काफी सालों से सुप्रीम कोर्ट में लटका हुआ है. सुनवाई में हो रही देरी से देश भर के साधू और विभिन्न हिन्दू संगठन खासे नाराज है. इन संगठनों ने केंद्र सरकार के सामने जल्द से जल्द राम मंदिर निर्माण का अध्यादेश लाने की मांग रखी है.
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ANI को दिये इंटरव्यू में स्पष्टसाफ़ कर दिया कि अयोध्या में राम मंदिर के मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही अध्यादेश लाने के बारे में निर्णय लिया जाएगा.