Hathras Rape & Murder: योगी सरकार इस वक्त सवालों के घेरे में आ गयी है, हाथरस गैंगरेप की शिकार के भाई का कहना है रात को उनके गुहार लगाने के बाद भी पुलिस ने उनकी लड़की की लाश उन्हें नहीं सौंपी और न ही चिता के आसपास जाने दिया.
14 सितम्बर 2020 को चार युवकों की चुंगल में फंसकर हाथरस की बेटी बुरी तरह घायल हो पड़ी, उसकी जीभ कट चुकी थी और बॉडी में कई इंजरीज आ चुकी थी, अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज से उसे सफदरगंज दिल्ली रेफेर किया गया लेकिन हालत में किसी तरह का सुधार आने को राजी नहीं था.
बीते सोमवार 28 सितम्बर को उसे दिल्ली के AIIMS में भर्ती कराया गया लेकिन सांस में तकलीफ बढ़ने के बाद उसने वेंटीलेटर पर ही दम तोड़ दिया. आधे महीने से ज्यादा इस जघन्य दुष्कर्म की घटना हो गया है लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस गुनहगारों को जेल में सजाए बैठी है. अब जब पीड़िता की मौत के बाद हंगामा होने लगा तो पुलिस को एक्टिविटी संदिग्ध बताई जा रही हैं.
पुलिस द्वारा देर रात को ह्यूमन चेन बनाई गई ताकि कोई मीडियाकर्मी व परिवार वाला जलती लाश के आसपास नहीं भटक पाए. दुष्कर्मियों का नाम लवकुश ठाकुर, रवि ठाकुर, राजकुमार ठाकुर व संदीप ठाकुर बताया जा रहा है. दलित समुदाय की 20 वर्षीय युवती पर आखिर किस बात को लेकर जुर्म ढहा यह भी जांच का विषय बताया जा रहा है.
यही वजह है दिल्ली सीएम ने भी योगी आदित्यनाथ की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हाथरस में पहले वहशियों ने तो फिर बाद में सिस्टम ने बलात्कर को अंजाम दिया. सोशल मीडिया पर सीएम योगी से इस्तीफे की भी मांग की जा रही है.
हाथरस की पीडिता का पहले कुछ वहशियों ने बलात्कार किया और कल पूरे सिस्टम ने बलात्कार किया। पूरा प्रकरण बेहद पीड़ादायी है।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 30, 2020