Solar Eclipse 2020: इस सूर्य ग्रहण का सूतक काल 20 जून 2020 की रात्रि 9 बजकर 15 मिनट रात्री से प्रारम्भ हो जाएगा. ग्रहण मृगशिरा तथा आद्रा नक्षत्र मे घटित होगा,साथ ही गण्ड तथा वृद्धि योग मे ग्रहण घटित होगा.
21 जून 2020 आषाढ़मास रविवार
कंकड़ चूड़ामणि सूर्यग्रहण
ग्रहण की अवधि – 5 घंटा 50 मिनट.
यह कंकणाकृती सूर्यग्रहण 21 जून 2020 को दोपहर तक संपूर्ण भारत में खंडग्रास के रूप में ही दिखाई देगा, इस ग्रहण की कंकणाकृती केवल उत्तरी राजस्थान, उत्तरी हरियाणा, तथा उत्तराखंड राज्य के उत्तरी क्षेत्रों से गुजरेगी, इस कंकण मार्ग वाले क्षेत्रों में इस ग्रहण का प्रमाण ग्रस्त लगभग 98%रहेगा, जबकि शेष उत्तरी भारत में प्रमाणित सामान्यतः 90% कई स्थलों पर इससे भी कुछ अधिक हो सकता है, मध्य भारत में इसका प्रमाण राज63%से 92% तथा दक्षिण प्रांतों मे35%से 75 % देखा जाएगा.
भारत के अतरिक्त – यहां कंकण चूड़ामणि सूर्य ग्रहण दक्षिणी – पूर्वी यूरोप, ऑस्ट्रेलियाके केवल उत्तरी क्षेत्रों में, न्यू ज्ञान, फिजी, अधिकतर अफ्रीकी दक्षिणी को छोड़कर, हिंद महासागर, मध्य पूर्वी एशिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, मध्य दक्षिण चीन, वर्मा, फिलीपींस,आदि में दिखाई देगा.
भारत के प्रत्येक नगर ग्राम में इसे अलग-अलग समय पर खंडग्रास रूप में देखा जा सकता है. उत्तरी भारत में इस सूर्य ग्रहण का ग्रास मान अधिक होगा, जबकि मध्य तथा दक्षिण भारत मे इस सूर्य ग्रहण का ग्रास कम होता जाएगा.
ध्यान देने वाली बातें
यहां कंकण सूर्य गए हैं रविवार के दिन घटित हो रहा है, अतः इसे चूड़ामणि सूर्यग्रहण कहा जाएगा, मिश्रा तथा आद्रा नक्षत्र तथा गंड तथा वृद्धि योग में ग्रहण घटित होगा.
शास्त्रों में इस ग्रहण में स्नान, दान, जप, पाठ, पूजा साधना, आदि का बहुत महत्व में माना जाता है.
इस दिन तीर्थ स्थलों में गंगा, यमुना, कुरुक्षेत्र, पवित्र तालाबों, तथा हरिद्वार, प्रयाग राज, आदि पवित्र तीर्थ स्थलों पर स्नान आदि का विशेष पुण्य फल की प्राप्ति भी होती है.
ग्रहण के समय क्या ना करें
ध्यान रखें ग्रस्त सूर्य बीम को नंगी आंखों से कदापि ना देखें, वेल्डिंग वाले काले गिलास से ही इसे देख सकते हैं, सूतक एवं ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श करना,अनावश्यक तोर पर खाना पीना, मैथुन, निद्रा, करना वर्जित है.
वृथा अलाप नाखुन काटने से परहेज करना चाहिए, वृद्ध रोगी, बालक, एवं गर्भवती स्त्रियों को यथा अनुकूल भोजन या दवाई आदि लेने पर कोई दोष नहीं होता.
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में सब्जी काटने, शयन करने, पापड़ सेकने आदि कार्य से परहेज करना चाहिए, तथा धार्मिक ग्रंथ का पाठ करते हुए प्रसन्न चित्त रहें, इससे भावी संतति स्वस्थ एवं सद्गुणी होती है. ग्रहण काल में श्री महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ होता है.
विशेष प्रयोग: कांस की कटोरी में घी भर कर उसमें चांदी का सिक्का डालकर अपना चेहरा देंखे, तथा ग्रहण समाप्ति पर वस्त्र फल दक्षिणा सहित ब्राह्मणों को दान करने से रोग निर्वति होती है.
ज्योतिष शास्त्र अनुसार कंकण चूड़ामणि सूर्य ग्रहण का लोक भविष्य – कंकड़ चूड़ामणि सूर्य ग्रहण आषाढ़ मास में घटित होने से छोटे छोटे तालाब समाप्त,साथ मे नदियों का प्रभाव कम हो जाएगा, अर्थात कुछ प्रांतों में भीषण अकाल व्याप्त होगा. अफगानिस्तान, कश्मीर, चीन, पाकिस्तान, आदि देश विदेशों प्रदेशों में राजनीति तथा प्राकृतिक प्रकोप से व्यापक जन धन की हानि होगी, सर्वत्र खंड वर्षा के योग बनेंगे, फलों तथा सब्जियों की हानि होगी.
मिथुन राशि मे ग्रहण होने से प्रधान नेता, पाकिस्तान, मुस्लिम देशों, केंदीय सत्ता के लिए बहुत कठिन चुनौतीपूर्ण समय होगा, कहीं अल्प वर्षा, राज्य परिवर्तन तथा प्राकृतिक प्रकोप मोसमि बीमारियो से व्यापक जन – धन की हानि होगी, प्रायः सूर्यग्रहण होने के बाद कुछ समय के लिए अकालजन्य की परिस्थितियां बनती रहेगी, साथ ही साथ कुछ खाद्य तथा भौतिक चीजों मे वृद्धि रहेगी.
सूर्य ग्रहण का वारफल
सूर्य ग्रहण रविवार को होने से आगे वर्षा की कमी, गेहूं धान आदि का कम उत्पादन होगा, गायों के दूध में भी कमी, तथा विश्व में प्रमुख राष्ट्रों के मध्य तनाव व युद्ध जन्य वातावरण बनेगा, सीमाओं पर वाद विवाद हुआ युद्ध जैसे हालात बनेंगे, कुछ प्रमुख मित्र देश आपस में शत्रुओं जैसा व्यवहार करेंगे, कुछ देशों में राजकीय उत्तर पुथल के चलते विवाद बढ़ेंगे. गेंहू, चावल, मूंग, फल सब्जियों गुड़, घी, आदि खाद्य पदार्थों का संग्रह करने में दो मास अच्छा लाभ प्राप्त होगा.
