Hindi Diwas 2021, Date, history, Significance: कहा जाता है कि बोलने वाले लोगों की संख्या के मुताबिक हिंदी दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा है जबकि अंग्रेजी व चीनी भाषा टॉप पर हैं. हिंदी पहले स्थान पर होती जब इसे बोलने व समझने वाले इसके प्रयोग में शर्म महसूस नहीं करते, इस अस्तित्व की लड़ाई को समर्पित है हिंदी दिवस.
बोलने की बात छोड़ दी जाए तो हिंदी (Hindi) को पढ़ने, लिखने व समझने वालों की संख्या कम है और इसका ग्राफ लगातार गिरता चला जा रहा है. युवा पीढ़ी के बीच हिंदी-अंग्रेजी मिक्स बोलने का प्रचलन है, कोई व्यक्ति हिंदी के अच्छे व साफ शब्दों का प्रयोग करता है तो उसे पुराने ख्यालों वाला समझा जाता है, यहां तक कि हिंदी के शब्दों को भारी भरकम बताकर समझने के बजाय सरल भाषा की गुजारिश की जाती है.
कब व क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस (Hindi Diwas History)

आजादी के बाद साल 1949 के 14 सितंबर को हिंदी, अधिकारिक तौर पर राष्ट्रभाषा घोषित हुई. यूं तो भारत विविधता में एकता के लिए मशहूर है, बात भाषा-बोली की भी आए तो 130 करोड़ आबादी वाले देश में हजारों तरह की भाषाएं बोली जाती हैं, देश के कई हिस्सों में 10 किलोमीटर के बाद ही भाषा में फर्क देखने को मिल जाता है.
साल 1918 में ही महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में इस भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने की मांग की क्योंकि वह इसे जनमानस की भाषा समझते थे. 6 दिसंबर 1946 को नए भारत के लिए सविंधान तैयार करने की बात आई तो मुद्दा यह भी अहम था आखिर किस भाषा को आजाद देश की अधिकारिक भाषा चुना जाए, हिंदी पर ही पहले से जोर था लेकिन अन्य राज्य जहां हिंदी नहीं बोली जाती उन्होंने इसका विरोध किया.
14 सितंबर 1949 को आखिरकार सविंधान सभा ने हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में राष्ट्रभाषा स्वीकार किया साथ ही अन्य राज्यों के सवाल उठाने के बाद अंग्रेजी को भी राष्ट्र की अधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकारा जबकि 14 सितंबर 1953 से इस दिन को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के रूप में मनाना शुरू किया गया, पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु द्वारा इस दिन को अधिकारिक तौर पर हिंदी दिवस घोषित किया गया.
हिंदी की अस्तित्व की लड़ाई लड़ने वालों में हिंदी के कई जाने माने कवी व साहित्यकार शामिल थे, इनमें साहित्यकार व्यौहार राजेन्द्र सिंह, काका कालेलकर, मैथलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी जैसे नाम हैं. हिंदी को राष्ट्रभाषा, 14 सितंबर 1949 को घोषित किया गया जिसका संबंध व्यौहार राजेन्द्र सिंह के 50वें जन्मदिन से भी है, हिंदी के लिए उनकी लड़ाई को इस दिन याद किया जाता है.
किस तरह मनाया जाता है हिंदी दिवस (Hindi Diwas Celebration)

हिंदी दिवस के साथ हिंदी सप्ताह भी मनाया जाता है जिसका उद्देश्य हिंदी भाषा का ज्यादा से ज्यादा विकास करना है. सरकारी जगहों पर हिंदी भाषा को बढ़ावा देने वालों को पुरुस्कृत किया जाता है. साहित्य सम्मेलन, कवी सम्मलेन आदि के माध्यम से विलुप्त हो रही हिंदी भाषा के अस्तित्व को बचाने के लिए बड़े बड़े मंचों पर कार्यक्रम होते हैं.
14 सितंबर से एक हफ्ते के लिए हिंदी सप्ताह भी मनाया जाता है, इस बीच कई प्रतियोगितायें आयोजित कराई जाती है. कवि सम्मेलनों में युवा कवियों की भी अच्छी खासी तादात देखने को मिलती है, हिंदी पर भारी पड़ रही अंग्रेजी भाषा के बारे में लोग बोलते हैं और राष्ट्रभाषा के लिए महान साहित्यकारों की लड़ाई को याद किया जाता है.