प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के किसानों को बड़ा तोहफा दिया. उन्होंने गोरखपुर में ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ की शुरुआत की . आइये आपको इस योजना के बारे में बताते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के किसानों को बड़ा तोहफा दिया. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मोदी ने आज ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ की शुरुआत की. इस योजना के तहत आज प्रधानमंत्री मोदी ने आज 1.1 लाख किसानों के खाते में योजना की पहली किश्त ( 2,000 रुपये) सीधे ट्रांसफर कर दिए.
पीएम ने कहा कि बाकी किसानों को भी इसी तरह पहली किश्त के पैसे कुछ हफ्तों में भेज दिए जाएंगे. पहली किश्त के रूप में किसानों को कुल 2,021 करोड़ रुपये भेजे गए है.
आपको बता दें इस योजना से 12 करोड़ से अधिक किसानों को सालाना 6,000 रुपये की सालाना गारंटीड आय मिलनी हैं. कुल मिलाकर हर साल किसानों को 75000 करोड़ रुपये देने की योजना है.
इस योजना की घोषणा इस साल के बजट में की गई थी. हालांकि, अभी कुछ राज्यों ने इस योजना का लाभ लेने से मना कर दिया है. ये सभी गैर बीजेपी राज्य है. इस योजना की शुरुआत छोटे और कम जमीन वाले किसानों की मदद के लिए की गई है. मोदी सरकार का उद्देश्य खेली के लिए किसानों की वित्तीय मदद करना है.
किसे मिलेगा इस स्कीम का फायदा?
उन सभी किसान परिवारों को इस योजना का फायदा मिलेगा, जिनके पास दो हेक्टेयर तक खेती की जमीन है. शर्त ये है कि 1 फरवरी, 2019 तक किसानों के नाम राज्य के लैंड रिकॉर्ड्स में होने चाहिए. उन सरकारी कर्मचारियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा, जो मल्टी-टास्किंग स्टाफ/क्लास IV/ग्रुप डी से हैं.
किसे नहीं मिलेगा इस योजना का लाभ
सरकारी कर्मचारी और इनकम टैक्स देने वालों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा विधायक व मंत्री भी इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे. डॉक्टर, इंजिनियर, सीए भी इस योजना से बाहर रखे गए हैं. इसके अलावा 10,000 रुपये या ज्यादा पेंशन पाने वाले इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे. इसके अलावा संस्थागत भूमि मालिकों को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
सरकार का उद्देश्य पूरी ईमानदारी के साथ जरुरतमंद किसान परिवारों को लाभ पहुँचाना है. पहली शर्त ये है कि छोटे एवं सीमांत किसान ही इस योजना का लाभ उठा पाएंगे.
छोटे एवं सीमांत किसान में ऐसे किसान परिवारों को शामिल किया गया है, जिनमें पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के नाबालिग बच्चे हो. ये सभी सामूहिक रूप से दो हेक्टेयर (5 एकड़) तक की जमीन पर खेती करते हो.
