टीम इंडिया के तेज़ गेंदबाज़ और 2007 के टी-20 विश्व कप में भारत की जीत में अहम भूमिका में निभाने वाले आरपी सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। आरपी खुद जानते थे कि उनकी टीम में वापसी अब नामुमकिन ही थी। आरपी पिछले काफी समय से बतौर कॉमेंटेटर क्रिकेट से जुड़े हुए थे। हालांकि वो अभी भी बतौर कॉमेंटेटर नज़र आते रहेंगे। आरपी के सन्यास में सबसे खास बात ये रही की उन्होंने ये निर्णय उस दिन लिया, जिस दिन उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा था।
आरपी ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर एक भावुक मैसेज लिखकर इस बात की जानकारी दी। अपने इस भावुक ट्वीट में उन्होंने कहा कि वह अपनी इस पारी का अंत कर रहे है। इसके अलावा उन्होंने इतने सालों के प्यार के लिए अपने फैंस का शुक्रिया भी अदा किया। गौरतलब है कि आरपी ने जिम्बाबे के खिलाफ अपना डेब्यू किया था। आरपी का डेब्यू साल 2005 में हुआ था, जिसके बाद उन्होंने भारत के लिए 14 टेस्ट, 58 वन-डे और 10 टी-20 मैच खेले। हालांकि, वह ज्यादा दिनों तक क्रिकेट में सक्रिय नहीं रहे। उन्होंने केवल 6 साल क्रिकेट को दिया। लेकिन अपने इतने करियर में ही आरपी ने भारत की कई जीत में अहम भूमिका निभाई।
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भारत की तरफ से आरपी ने अपना आखिरी टेस्ट साल 2011 में खेला था। इसके बाद से आरपी टीम में जगह नहीं बना पाए। आर पी सिंह ने साल 2011 में अपना आखिरी टेस्ट और वन-डे दोनों इंग्लैंड के खिलाफ ही खेला था। उसके बाद वह क्रिकेट से दूर रहकर कमेंट्री करने लगे। 6 साल के दौरान क्रिकेट के तीनों फॉर्मेटों में उन्होंने 100 से ज्यादा विकेट हासिल किए है। वहीं आरपी ने 82 आईपीएल मैच भी खेले हैं, जिसमें उन्होंने 90 विकेट चटकाए। आरपी की गेंदबाजी की वजह से ही आईपीएल की पांच टीमें उन पर दाव खेल चुकी हैं।
आरपी सिंह का क्रिकेट करियर
टेस्ट क्रिकेटः मैच- 14, विकेट- 40, बेस्ट- 59 रन देकर 5 विकेट
वनडे क्रिकेट: मैच- 58, विकेट- 69, बेस्ट- 35 रन देकर 4 विकेट
टी20: मैच- 10, विकेट- 15, बेस्ट- 13 रन देकर 4 विकेट
प्रथम श्रेणी क्रिकेटः मैच- 94, विकेट- 301, बेस्ट प्रदर्शन- 50 रन देकर 6 विकेट