Sushant Suicide Case: बॉलीवुड का एक उभरता सितारा कुछ कहे बिना, खुद ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर देता है. सुसाइड नोट नहीं होने की वजह से इसके पीछे वह इतने सवाल छोड़ गए हैं कि मानो इस वक्त हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने सवालों की बरसात हो गई हो.
एक तरफ जहां मुंबई पुलिस इस केस को लगभग क्लोज करने की कगार पर थी तो दूसरी तरफ सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) से जुड़ी कई परतें खुलती नजर आ रही हैं. जैसे ही इस केस में बड़े लोगों ने आवाज उठानी शुरू की तो मुंबई पुलिस ने फिर एक बार सख्ती से काम शुरू कर दिया है.
तीन मनोचिकित्सकों और एक मनोवैज्ञानिक का बयान मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज किया गया. पुलिस का कहना है नवंबर 2019 से सुशांत ट्रीटमेंट ले रहे थे, एक चिकत्सक ने बताया कि उन्हें बाइपोलर डिसआर्डर की बीमारी थी. वहीं शेष ने बताया कि सुशांत बेहद तनाव से गुजर रहे थे, इस बात का दावा नहीं किया जा सकता कि उनके तनाव की क्या वजह रही होगी.
एक बात तो साफ है कि सुशांत किसी मानसिक उलझन का ही शिकार हुए हैं लेकिन जाहिर सी बात है इसके पीछे कोई वजह होना भी लाजमी है. मुंबई पुलिस के लिए इसी खास वजह का पता लगाना बड़ा चुनैती बना है.
अगर बात करें बाइपोलर डिसऑर्डर (Bipolar disorder) की तो इस मानसिक रोग के पीड़ितों के व्यवहार में तेजी से बदलाव आते हैं, विचारों व भावनाओं में उथल पुथल लगी रहती है. डॉक्टर्स मानते हैं लॉकडाउन की वजह से फ़ोन पर ही वह अपना इलाज ले रहे थे, शायद वह डॉक्टर की सलाह नहीं मान रहे थे और न ही दवाईयों को टाइम से ले रहे थे.
डॉक्टर्स की मानें तो सुशांत सिंह राजपूत इलाज करने वाले डॉक्टरों पर भी विश्वास नहीं किया करते थे, 2-3 बार किसी डॉक्टर से मिलने के बाद वह अपना डॉक्टर बदल लिया करते थे, दवाईयों को वक्त से नहीं लेते थे. अंतिम दिनों के मुताबिक वह जिस डॉक्टर से इलाज करवा रहे थे, वह उन्हें बाइपोलर डिसऑर्डर का ही इलाज दे रहा था.